Anganwadi Employees DA Hike: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी निकाल कर आ रही है जिसमें उच्च न्यायालय ने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के वेतन में बढ़ोतरी को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है और फैसला सुनाते हुए सरकार को यह निर्देश भी दिया है की कर्मचारियों को उचित मेहनत आना दिया जाए
Anganwadi Employees DA Hike न्यायाधीशों ने की आंगनवाड़ी कर्मचारियों की भूमिका की सराहना
सुनवाई के दौरान माननीय न्यायमूर्ति ए.एस. सुपेहिया और आर.टी. बचहानी की खंडपीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी सेविकाएं समाज में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। ये महिलाएं नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की देखभाल करती हैं।
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साथ ही सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाती हैं। न्यायालय ने माना कि इतने बड़े कार्यभार के बावजूद उनका मानदेय बेहद कम था, जिससे उनका जीवन स्तर प्रभावित हो रहा था।
संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला
न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अपर्याप्त मानदेय देना संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए “सम्मानजनक जीवन के अधिकार” का उल्लंघन है। हर नागरिक को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार प्राप्त है, और यह तभी संभव है जब उसे अपने कार्य का उचित प्रतिफल मिले। कोर्ट ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह इन कर्मचारियों को उचित आजीविका के साधन उपलब्ध कराए।

आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार संभावित
कोर्ट का मानना है कि उचित वेतन मिलने से इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आएगा। पहले जो मानदेय दिया जा रहा था, वह उनके समर्पण और जिम्मेदारियों के अनुपात में बिल्कुल अनुचित था। नया वेतनमान न केवल उनके आत्मसम्मान को बढ़ाएगा, बल्कि उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
न्यायालय के फैसले से बढ़ी उम्मीदें
इस आदेश ने न केवल आंगनवाड़ी कर्मचारियों के हक में न्याय दिलाया है, बल्कि समाज में महिला श्रमिकों के योगदान को भी सम्मान दिया है। अब सरकारों पर यह जिम्मेदारी है कि वे समय रहते इस आदेश को लागू करें और देशभर की आंगनवाड़ी सेविकाओं को समान लाभ प्रदान करें। यह फैसला महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।